गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी में | गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है,

गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी में
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इस साल 31 अगस्त 2022 को गणेश चतुर्थी मनाया जाएगा जैसा कि आप लोग जानते हैं कि गणेश चतुर्थी का आयोजन भारत के सभी राज्यों में होता है और इस पूजा को विशेष तौर पर मुंबई में काफी विशेष धूमधाम से मनाया जाता है 

मुंबई का गणेश पूजा भारत में विश्व दिखाते हैं इस पूजा को देखने के लिए भारत के कोने-कोने से लोग यहां पर आते हैं ऐसे में आप लोगों के मन में सवाल जरूर आता होगा कि 

आखिर में गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है उसके पीछे के कारण क्या है और गणेश चतुर्थी का महत्व क्या है ऐसे तमाम सवालों के जवाब अगर आप जानना चाहते हैं तो आर्टिकल को आखिर तक पढ़ेंगे आइए जाने-

गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है

गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है इसके पीछे एक पौराणिक कथा है ऐसा कहा जाता है एक समय समय की बात है जब माता पार्वती भगवान शंकर के साथ कैलाश पर्वत पर निवास करती थी 1 दिन माता पार्वती ने भगवान शंकर के परम भक्त नंदी को या आदेश दिया कि वह दरवाजे पर पहरेदारी करें और 

किसी भी व्यक्ति को घर के अंदर आने ना दें ऐसे वक्त में जब भगवान शंकर वहां पर आए तब नंदी ने कहा कि भगवान आप अंदर नहीं जा सकते हैं क्योंकि माता पार्वती ने मुझे आदेश दिया है इस पर भगवान शंकर ने कहा कि आदेश उनके लिए नहीं बल्कि दूसरे लोगों के लिए है और उन्होंने घर के अंदर प्रवेश कर लिया 

 जब घर के अंदर गए तो माता पार्वती ने देखा कि भगवान शंकर उनके कक्ष में प्रवेश कर गए इसको देखकर माता पार्वती अहित हुई और उन्हें काफी बुरा भी लगा उन्हें लगा कि उन्हें ऐसे पुत्र की जरूरत है जो उनके आदेश का पालन करें I

इसके बाद उन्होंने मिट्टी से पुत्र की प्रतिमा बनाई और उसे जीवनदान दिया जिसका नाम उन्होंने गणेश रखा गणेश माता पार्वती का सबसे आज्ञाकारी पुत्र था वह माता के सभी बातों को मानता था I अगले 1 दिन माता ने गणेश को दे दिया कि 

कोई भी उनके कक्ष में प्रवेश ना करें इसके बाद गणेश माता के कक्ष पहरेदारी करने लगे और उसी समय भगवान शंकर आते हैं I  इस पर है गणेशजी कहते हैं कि आप घर के अंदर नहीं जा सकते हैं भगवान शंकर ने कहा कि 

उन्होंने कहा कि माता की आज्ञा है इस पर भगवान शंकर ने कहा कि तुम जानते हो मैं कौन हूं मैं तुम्हारा पिता हूं भगवान इस बात को सुनकर गणेश जी जोर-जोर से हंसने लगे और उन्होंने भगवान शंकर को अंदर जाने से मना किया 

जिसके बाद भगवान शंकर को क्रोध आया और उन्होंने अपने त्रिशूल से गणेश जी का सिर काट दिया I जब माता पार्वती बाहर आएंगे और देखा कि उनके पुत्र का सिर कटा हुआ है तो आपको ही तो गई अरुण ने कहा कि वह पूरे ब्रह्मांड का विनाश कर देंगे I 

इसके बाद देवी देवताओं ने माता पार्वती का क्रोध को शांत किया उसके बाद माता पार्वती ने साथ रखा कि उनके पुत्र का जीवन जीवित किया जाए ऐसे में समस्या यह थी कि भगवान गणेश जी का सिर पूरी तरह से जल चुका था जिसके बाद भगवान गणेश जी को हाथी का शिविर लगाया गया और 

उन्हें वरदान दिया गया कि प्रत्येक शुभ काम को करने से पहले उनकी पूजा करनी आवश्यक होगी और जब उनको यह वरदान दिया गया उस समय भादो शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि चल रही थी  I जिसके बाद से ही गणेश जी के जन्म को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान गणेश जी को नया जीवन प्राप्त हुआ थाI

गणेश चतुर्थी कैसे मनाई जाती है

गणेश चतुर्थी का त्योहार भारत में काफी हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाता है इस त्यौहार को विशेष तौर पर मुंबई में काफी धूमधाम के साथ हर एक घर में मनाया जाता है और भारत का मुंबई का गणेश चतुर्थी काफी प्रसिद्ध हुई है 

हिंदू धर्म को मानने वाले लोग इस दिन अपने घर या पंडाल में भगवान गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करते हैं  इस दिन भगवान गणेश की विशेष आरती उनके पसंदीदा मोदक के साथ उतारी जाती है। उसके बाद विधि-विधान से भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है 

किस दिन औरतें उपवास या गणेश व्रत रखती है। इस दिन सभी भक्तगण भगवान गणेश की पूर्ण श्रद्धा से पूजा पाठ करते है। गणेश चतुर्थी के पूरे दिन भगवान की पूजा अर्चना की जाती है औरतें उपवास रखती हैं

रात के समय आधे चंद्रमा को अरग देते हुए बिना चंद्रमा की तरफ देखे गणेश जी के व्रत का समापन किया जाता है गणेश चतुर्थी के दिन भारत के कई राज्यों में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है जहां पर भारी तादाद में लोग मेले का आनंद उठाने के लिए आते हैं I

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गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी में

प्रस्तावना : गणेश चतुर्थी का त्योहार भारत में जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाता है क्योंकि उसी दिन भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था I भारत के महाराष्ट्र राज्य में सिद्धिविनायक में भगवान गणेश जी का विशाल मेला आयोजित किया जाता है 

जहां पर देश और दुनिया से कई लोग घूमने के लिए आते हैं भगवान गणेश जी को लंबोदर के नाम से भी जाना जाता है अगर किसी व्यक्ति के जीवन में काफी दुख और तकलीफ है अथवा भगवान गणेश जी की पूजा करता है तो उनके सभी दुखों का अंत हो जाएगा जिसके कारण से भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है I

गणेश चतुर्थी सुख समृद्धि और बुद्धि का त्योहार है

भगवान गणेश को हिंदू धर्म के मानने वाले लोग घर में लाकर उनकी मूर्ति स्थापित करते हैं उसके बाद उनका पूजा अर्चना किया जाता है ऐसा माना जाता है कि जब भगवान गणेश घर पर आते हैं तो सुख समृद्धि और बुद्धि लेकर आते हैं और जब आपके घर से जाते हैं तो 

आपके घर में कितनी प्रकार की परेशानी बाधा दुख तकलीफ है उन सब को अपने साथ लेकर जाते हैं ताकि आपके घर में सुख और समृद्धि हमेशा बनी रहे इसके अलावा अगर आप अपने जीवन में काफी परेशान हैं तो आप भगवान गणेश जी से सच्चे मन से प्रार्थना करेंगे तो आपके जीवन में जितनी भी परेशानी आया उनका निवारण हो जाएगा भगवान गणेश को विभिन्न कर्ता के रूप में भी जाना जाता है I

गणेश चतुर्थी किस तिथि को मनाई जाती है

हिंदू पंचांग के अनुसार भगवान गणेश के जन्म के वक्त भाद्रपद का महीना शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि थी। इसलिए भाद्रपद का शुक्ल पक्ष महीना गणेश चतुर्थी के तौर पर मनाया जाता है इस साल गणेश चतुर्थी 31 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा 

अगर हम भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की बात करें तो 30 अगस्त को भाद्रपद का महीना शुरू हो रहा है मगर 31 उदया तिथि 31 अगस्त 2022 यानी बुधवार सुबह 11:05 से शुरू होगा इसलिए गणेश चतुर्थी 31 अगस्त को मनाया जाएगा

गणेश चतुर्थी को अन्य किस नाम से पुकारा जाता है

 उत्तर भारत में जितने भी राज्य हैं उनमें गणेश चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है, महाराष्ट्र में त्योहार को गणेशोत्सव, गणेशघर के रूप में भी जाना जाता है आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में, विनायक चविथी और तमिलनाडु में विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है I

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गणेश चतुर्थी का महत्व in hindi

हिंदू धर्म के मानने वाले लोगों के जीवन में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है एक प्रकार से हम कहे तो गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म में आस्था का प्रमुख केंद्र है गणेश चतुर्थी का त्योहार महाराष्ट्र में काफी धूमधाम से मनाया जाता है और 

ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान गणेश जी की मूर्ति घर में लाता है तो साथ में सुख और समृद्धि भी लेकर आता है और जब आप भगवान गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जन करने के लिए ले जाते हैं तब ऐसी मानता है क्या आपके घर में जितने भी दुख और तकलीफ है वहां सब भगवान गणेश जी अपने साथ लेकर चले जाते हैं

और जब भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जन के लिए लेके जाया जाता है तब माना जाता है कि भगवान गणेश अपने साथ घर के सभी दुखों को अपने साथ ले जाते है.

भारत के आजादी में गणेश चतुर्थी का भी एक विशेष योगदान है ऐसा कहा जाता है कि जब भारत में अंग्रेजों ने किसी प्रकार के लोगों की खट्टा होने पर प्रतिबंध लगा दिया था तभी भारत के स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने गणेश चतुर्थी त्योहार का आयोजन का एक प्रकार लोगों को एक जगह इकट्ठा करने का एक उपयुक्त उपाय ढूंढा था 

जिसके बाद लोग इकट्ठा होकर धार्मिक त्योहार को मनाते थे साथ में अंग्रेजों से हमें कैसे आजादी पानी है उसकी योजना भी यहां पर बनाई जाती थी ताकि अंग्रेजों को कोई शक ना हो सके और उन्हें लगे कि हम सभी लोग धार्मिक अनुष्ठान यह त्यौहार मना रहे हैं I

 गणेश उत्सव कब मनाया जाता है

गणेश चतुर्थी पूरे भारतवर्ष में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण त्यौहार है अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक अगस्त और सितंबर महीने में गणेश चतुर्थी का त्योहार आ जाता है जबकि हिंदू पंचांग के अनुसार इस त्यौहार का आयोजन भाद्र माह में किया जाता है. 

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इस साल 31 अगस्त 2022 को पूरे भारत में गणेश चतुर्थी मनाया जाएगा गणेश चतुर्थी के पूरे 10 दिन आयोजित की जाती है लेकिन कहीं-कहीं पर 7 दिनों में गणेश चतुर्थी त्योहार का समापन भी हो जाता है I 

गणेश उत्सव की शुरुआत किसने की

गणेश उत्सव की शुरुआत शिवाजी महाराज की माता जीजाबाई के द्वारा शुरू किया गया था और आगे चलकर  पेशवा के द्वारा काफी प्रोत्साहित किया जाए जिसके बाद पूरे भारत में गणेश उत्सव मनाने की परंपरा शुरू हुई

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गणेश उत्सव किसने और कब शुरू किया

गणपति उत्सव की शुरुआत 1893 में महाराष्ट्र से लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने की। 1893 के पहले भी गणपति उत्सव ब

गणेश उत्सव की शुरूआत

गणेश उत्सव की शुरुआत शिवाजी महाराज की माता जीजाबाई के द्वारा किया गया था

गणेश विसर्जन का इतिहास क्या है?

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री गणेश को श्री वेद व्यास ने श्री गणेश को लगातार 10 दिन तक महाभारत की कथा सुनाई जिसके कारण भगवान गणेश लगातार 10 दिनों तक एक ही स्थान पर बैठे रहे हैं 

जिसके कारण उनके शरीर का तापमान बढ़ जाता और ऐसे में उनके शरीर के तापमान को कम करने के लिए उन्हें तुरंत जल कुंड में ले जाकर स्नान करवाया गया ताकि उनके शरीर का तापमान कम हो सके इसलिए भगवान गणेश जी का विसर्जन किया जाता है I 

आज का सीख।

मैं उम्मीद करता हूं कि आप यह जान चुके होंगे कि गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है,साथ हि आप गणेश चतुर्थी कैसे मनाई जाती है,गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी में, गणेश चतुर्थी किस तिथि को मनाई जाती है, गणेश चतुर्थी को अन्य किस नाम से पुकारा जाता है, गणेश चतुर्थी का महत्व in hindi, गणेश उत्सव कब मनाया जाता है, 

गणेश उत्सव की शुरुआत किसने की, गणेश उत्सव किसने और कब शुरू किया,गणेश विसर्जन का इतिहास क्या है?, इत्यादि के बारे में भी जान चुके होंगे यदि आप गणेश चतुर्थी  के बारे में और भी कुछ पूछना चाहते हो तो आप हमारे कमेंट बॉक्स में कमेंट (Comment) कर सकते हैं। 

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संबंधित सवाल।

प्रश्न: गणेश चतुर्थी की शुरुआत कब हुई?

उत्तर: गणेश चतुर्थी की शुरुआत 1893 में हुई। 

प्रश्न: गणेश जी का जन्म कितने बजे हुआ था?

उत्तर: भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था। 

प्रश्न: गणेश किसके देवता हैं?

उत्तर: गणेश भगवान हिंदुओं के देवता हैं। 

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